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शनिवार, 15 अगस्त 2015

8:21 pm

सड़क पर बिखरे तिरंगे को देख आप क्या सोचते हैं



वह तिरगा जिसको  देश में किसी भी तरह के फहराए जाने वाले झंडे से ऊँचा रहने का अधिकार था | आज वही तिरंगा सडको पर बिखरा मिलता है क्यों ?
     आइये जानते है राष्ट्र ध्वज के उस ऊंचाई से सड़क पर बिखरने तक का सफ़र  .....

 1 . सवतंत्रता के बाद राष्ट्र ध्वज को आम जनता के लोग गिने चुने राष्ट्रीय त्योहारों को छोड़ सार्वजनिक रूप से नही फहरा सकते थे | 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्वज संहिता में कुछ संशोधन किया गया और इस तरह से भारत के नागरिको को अपने घरो ,ऑफिस ,फैक्ट्रीयो और आदि निजी संस्थानों में न केवल राष्ट्रीय दिवस पर बल्कि किसी भी दिन बिना किसी रुकावट के तिरंगा फरहाने की अनुमति मिल गयी | लेकिन इसमें कहा गया की धवज संहिता का बिलकुल कड़ाई से पालन होना चाहिए | अब तिरंगा जिसे हम देखकर देश के शान और मान –सम्मान को याद करते थे उस तिरंगे को घर घर फहरा सकते है और हम सभी जानते है कि चाहे कितना भी कीमती वस्तु हो अपने पास होने पर उसका क्या महत्व रह जाता है |

  2 . पहले ऐसा नियम था की राष्ट्र ध्वज को परदे या वस्त्र के रूप में प्रयोग नही कर सकते फिर 5 जुलाई 2005 की भारत सरकार ने संहिता में संशोधन किया और ध्वज को पोशाक के रूप में प्रयोग किये जाने की अनुमति दे दी लेकिन इसे कमर के निचे के कपडे के रूप में प्रयोग नही किया जा सकता |




    मेरा सवाल यही है की आखिर इतने संसोधन का क्या मतलब है जो वस्तू जितना ही बहुमूल्य हो उसे उतना ही संभाल कर रखना चाहिए उसे विशेष जगह पर विशेष दिन को प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि लोगो को उसे देखकर उसके गरिमा का एहसास हो | आपने रस्ते में चलते लोगो को मंदिर देखकर सर झुकाते जरुर देखे होंगे लेकिन क्या कोई अपने कपडे पर मंदिर बनवा ले तो उसे देखकर कोई सर झुकाएगा ? नही ना.. तो तिरंगे को कपडा बनाकर पह्नने का क्या मतलब ? 

    बच्चो को चाहे कितना ही कीमती खिलौना दे दें वो उसको कुछ समय बाद जरुर तोड़ देगा क्योंकि उसकी कीमत आप जानते है वह बच्चा नही जनता तो ऐसे ही  अगर हमें तिरंगे के मान मर्यादा का ख्याल रखना है तो उसे फूतपथो पर छोटी बड़ी दुकानों पर इस तरीके से नही बेचना चाहिए |
 आप सभी देखते है की 14 -15 अगुस्त को तो हर कोई तिरंगे का सम्मान करता है लेकिन 15 अगस्त की शाम और 16 अगस्त को देखिये की उस तिरंगे का असली सम्मान करने वाला कौन कौन है .....